एनएचएआई परवाणू से कैथलीघाट तक के सभी कब्जे हटाए : हाईकोर्ट

एनएचएआई परवाणू से कैथलीघाट तक के सभी कब्जे हटाए : हाईकोर्ट

शिमला
कालका-शिमला फोरलेन के निर्माण में देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को परवाणू से कैथलीघाट तक फोरलेन के सभी कब्जों को हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सोलन को आदेश दिए कि वह एनएचएआई को इसके लिए पुलिस सहायता मुहैया करवाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने 28 अक्तूबर को परवाणू से कैथलीघाट तक और 29 को वाकना गांव में कब्जे हटाने को कहा।

पिछले आदेशों के तहत हाईकोर्ट ने उपायुक्त सोलन की कार्यशैली पर टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि उपायुक्त इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वह राजस्व विभाग के सर्वोच्च पद पर भी आसीन हैं। अदालत ने अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन उपायुक्त ने एनएचएआई को निशानदेही के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अदालत ने उपायुक्त को आदेश दिए थे कि निशानदेही के लिए उपयुक्त स्टाफ मुहैया करवाए। अदालत के आदेशों की अनुपालना में उपायुक्त सोलन ने फोरलेन की निशानदेही की।

अदालत को बताया गया कि परवाणू से कैथलीघाट तक 14 कब्जे हैं। इस कारण फोरलेन निर्माण में देरी हो रही है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कालका-शिमला फोरलेन ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन पिछले तीन साल से कैथलीघाट-ढली के हिस्से का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पहले भूमि अधिग्रहण के चलते काम लटका रहा। कालका से कैथलीघाट तक फोरलेन का निर्माण कार्य अवैध कब्जों के कारण पूरा नहीं हो रहा है। कैथलीघाट से ढली तक 28.4 किमी लंबे फोरलेन के हिस्से का कार्य दो पैकेजों में तय किया गया है। इस पर 3,716.26 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दूसरे पैकेज के तहत 1956.26 करोड़ बजट की स्वीकृति दी गई है।

Related posts